भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर अगले साल फरवरी में अपने चरम पर पहुंच सकती है. आईआईटी कानपुर के रिसर्चर्स की एक टीम के नेतृत्व में किए गए अध्ययन ने Gaussian distribution के मिश्रण की फिटिंग के आधार पर एक स्टैटिस्टिकल मेथड का उपयोग किया है, जो कि मापदंडों का अनुमान लगाने के लिए क्लस्टरिंग के लिए एक एल्गोरिथ्म पर आधारित है.
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